प्रारंभिक बचपन की शिक्षा को “बालवाटिका” के नाम से जाना जाता है।
केन्द्रीय विद्यालय संगठन (केविएस) ने बालवाटिका को प्रीस्कूल शिक्षा के रूप में पेश किया है। बालवाटिका कार्यक्रम की परिकल्पना ग्रेड 1 से पहले एक साल के कार्यक्रम के रूप में की गई है
इसका उद्देश्य बच्चों को संज्ञानात्मक एवं बौद्धिक क्षमता के साथ तैयार करना है। भाषा विज्ञान संबंधी दक्षताएँ विकसित करना खेल-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से पढ़ना, लिखना और संख्या बोध विकसित करना है।
गतिविधियाँ
शारीरिक संतुलन गतिविधि
बेहतर प्रतिक्रिया समय और सकल मोटर कौशल विकसित करने के लिए मस्तिष्क और शरीर समन्वयक खेल
कागज शिल्प
रंगीन चित्र
पक्षी मुखौटा